Kalpataru Files for IPO: मुंबई के प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर, कलपतरु ग्रुप (Kalpatru Group), ने हाल ही में अपने आईपीओ (IPO) के लिए आवेदन किया है। कंपनी का इस आईपीओ के ज़रिये ₹1,590 करोड़ रुपये जुटाने का उद्देश्य है। कंपनी ने अपना आईपीओ लॉन्च करने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर दिया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कंपनी के कर्ज को कम करना है।
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कलपतरु ग्रुप क्या करती है?
कलपतरु ग्रुप की स्थापना 1969 में हुई थी और यह पिछले पांच दशकों से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय है और एक अग्रणी भूमिका निभा रही है। कंपनी ने मुंबई सहित कई प्रमुख शहरों में रेजिडेंशियल, कमर्शियल और रीटेल प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अपनी रेप्यूटेशन बनाई है। रेजिडेंशियल क्षेत्र में यह विला, डुप्लेक्स, अपार्टमेंट और विभिन्न आकार के प्लॉट बेचती है।
क्वालिटी, इनोवेशन और कस्टमर सैटिस्फैक्शन के लिए मशहूर इस कंपनी ने समय के साथ-साथ बाजार में एक मजबूत स्थान हासिल किया है। वर्तमान में, कंपनी के पास 40 रनिंग, आने वाले और प्लांड प्रोजेक्ट्स का पोर्टफोलियो है, जिसमें 49.77 मिलियन वर्ग फीट क्षेत्र शामिल है।
कंपनी की ज़्यादातर परियोजनाएँ मुंबई महानगर क्षेत्र और पुणे, महाराष्ट्र में स्थित हैं। इसके अलावा, हैदराबाद और नोएडा में भी इसकी दो परियोजनाएँ चल रही हैं। कंपनी के पास सूरत, गुजरात; नागपुर, महाराष्ट्र; और उदयपुर, राजस्थान में भी ज़मीनें हैं।
कलपतरु IPO का उद्देश्य
कलपतरु का IPO लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य कंपनी के विस्तार के लिए आवश्यक धन जुटाना है। कंपनी IPO से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग नए प्रोजेक्ट्स, भूमि अधिग्रहण और अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए करेगी। इसके अलावा, इस धन का उपयोग कंपनी के कर्ज को कम करने में भी किया जाएगा, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
कलपतरु IPO का रियल एस्टेट मार्केट पर प्रभाव
कलपतरु का IPO भारतीय रियल एस्टेट मार्केट पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। IPO के माध्यम से आने वाली राशि से नई परियोजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है, विशेष रूप से रेजिडेंशियल और कमर्शियल क्षेत्रों में। इसके साथ ही, यह कदम निवेशकों के बीच विश्वास को और बढ़ा सकता है, जो कोविड-19 के बाद से धीरे-धीरे स्टेबल हो रहा है।
कलपतरु का वित्तीय प्रदर्शन
पिछले कुछ वर्षों में कलपतरु ग्रुप ने घाटे का सामना किया है। हालांकि वित्त वर्ष 24 में कंपनी का घाटा पिछले साल के 200.7 करोड़ रुपये से घटकर 100.7 करोड़ रुपये रह गया है। ऑपेऱशन्स से रेवेन्यू की बात करें तो पिछले साल की समान अवधि में इसका रेवेन्यू 3,633 करोड़ रुपये से घटकर 1,930 करोड़ रुपये रह गया है। जून 2024 तक, कंपनी पर बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं का 7,060 करोड़ रुपये बकाया था।
मुंबई स्थित इस बिल्डर ने मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में 15 मिलियन वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में 70 प्रोजेक्ट्स पूरे किये हैं।
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निवेशकों के लिए अवसर
कलपतरु (Kalpatru) के IPO से निवेशकों के लिए एक पैसा बनाने का एक अच्छा अवसर प्रस्तुत होता है। कंपनी के बाजार में व्यापक अनुभव को देखते हुए, इस IPO में रीटेल और इंस्टीट्यूशनल निवेशकों दोनों की बड़ी रुचि हो सकती है। रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश का यह एक अच्छा मौका है, खासकर उन लोगों के लिए जो एक स्थिर और अनुभवी कंपनी के साथ जुड़ना चाहते हैं।
1) कलपतरु के प्रमोटर्स कौन हैं और उनकी कंपनी में कितनी हिस्सेदारी है?
कंपनी के मुख्य प्रमोटर्स मोफतराज मुनोत और पराग मुनोत हैं, जिनकी कुल हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।
2) कलपतरु का आईपीओ कब आ रहा है?
कलपतरु ग्रुप अभी अपने आईपीओ की लॉन्च डेट अन्नोउंस नहीं की है, पर कंपनी ने अपना आईपीओ लॉन्च करने के लिए सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर दिया है।